जनकसुता हरि दास कहावो, ताकी शपथ विलम्ब न लावो । जय हनुमान ज्ञान गुन सागर । जय कपीस तिहुँ लोक उजागर ॥ राम दूत अतुलित बल धामा तेहि के कारज सकल शुभ, सिद्ध करैं हनुमान ॥ लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥ Inspite of his mischief, Hanuman’s https://www.instagram.com/p/DFWTy0gvMKk/
The Basic Principles Of Hanuman mantra
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